अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• की कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ
सार
बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में जीवन जीने के सलीके में बहà¥à¤¤ बदलाव आ गया है। आज का नागरिक अपना जीवन अपने अंदाज में वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करना चाहता है। इसमें किसी का हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª करना उसे बिलà¥à¤•à¥à¤² पसंद नहीं है। इस जीवन जीने की कला में वह अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बचने का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है। इसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ परिवार और समाज पर पड़ रहा है। हमें विशेषकर अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ ओर शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के जीवन जीने की शैली को बहà¥à¤¤ हद तक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है। हमें उनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को ठेस नहीं पहà¥à¤‚चाते हà¥à¤ परिवार , समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनके दायितà¥à¤µà¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ जागरूक करना होगा। à¤à¤¸à¤¾ नहीं करते हैं तो यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी अपने जीवन और उनके दायितà¥à¤µà¥‹à¤‚ के बारे में जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नहीं हो पाà¤à¤‚गे।
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾
संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का रहता है असर : आज के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के जीवन की शैली में जो परिवरà¥à¤¤à¤¨ आया है वह सबसे अधिक संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का है। आज का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ मेधावी , इंफॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ में बहà¥à¤¤ अधिक रà¥à¤šà¤¿ रखता है लेकिन सà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ नहीं है। अचà¥à¤›à¥‡ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की कमी के कारण उठना , बैठना , बोलना , बड़ों का आदर सतà¥à¤•à¤¾à¤° , माता - पिता , गà¥à¤°à¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में रà¥à¤šà¤¿ नहीं रखता। इन सबका कारण माता - पिता के समय अà¤à¤¾à¤µ à¤à¤µà¤‚ संयà¥à¤•à¥à¤¤ परिवार का कम होना है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• माता पिता यह उमà¥à¤®à¥€à¤¦ करते है कि उनका बचà¥à¤šà¤¾ बेहतर शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करे , अचà¥à¤›à¥‡ संसà¥à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤•à¥‚ल में शिकà¥à¤·à¤• à¤à¥€ सिखाà¤à¤‚। विषय जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के लिठविदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ हैं लेकिन संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ , वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला तो घर à¤à¤µà¤‚ परिवार हैं जहां बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होता है। आज का शिकà¥à¤·à¤• à¤à¤µà¤‚ छातà¥à¤° दोनों अंकों के खेल में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हो गठहैं। उनका à¤à¤• ही लकà¥à¤·à¥à¤¯ सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• अंक लाकर कà¥à¤› बनने का होता है। अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• à¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मानसिक विकास पर केंदà¥à¤°à¥€à¤¤ होता है। इस à¤à¤¾à¤—दौड़ में जीवन के अचà¥à¤›à¤¾ नागरिक या अचà¥à¤›à¤¾ इंसान बनाने की पहलू अछूते रह जाते हैं। हमारे समय में शिकà¥à¤·à¤• à¤à¤• ईशà¥à¤µà¤° की तरह वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• रूप से पूजà¥à¤¯à¤¨à¥€à¤¯ होते थे। आज इस सà¥à¤¤à¤° में बहà¥à¤¤ बदलाव आया हà¥à¤† है। इसके लिठहम सà¤à¥€ समाज के लोग जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं। आज अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• शिकà¥à¤·à¤• पर अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ नहीं करता पहले शिकà¥à¤·à¤• की बात पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया जाता था। पहले माता पिता अपने से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ शिकà¥à¤·à¤• को बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का शà¥à¤à¤šà¤¿à¤¤à¤• मानते थे।
à¤à¥‚मिका
अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• शिकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंग है। अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के बिना शिकà¥à¤·à¤¾ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ सफल रà¥à¤ª से नहीं चल सकती।अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• न केवल छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करके ही अपने दायितà¥à¤µà¤¤ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पा लेता है वरन उसका उतà¥à¤¤à¤° दायितà¥à¤µ है तो इतना अधिक और महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पूरà¥à¤£ करने में समरà¥à¤¥ नहीं है। शिकà¥à¤·à¤• की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ उसके विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ , विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ और समाज पर पड़ता है।इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से कहा जाता है कि अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ होता है।अतः अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सफलतापूरà¥à¤µà¤• à¤à¤µà¤‚ उचित पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से करने के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है कि उसमें कà¥à¤› गà¥à¤£ अथवा विशेषताà¤à¤‚ होनी चाहिà¤à¥¤ सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• में निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का होना अति आवशà¥à¤¯à¤• है -
शिकà¥à¤·à¤• में मà¥à¤–à¥à¤¯ रà¥à¤ª से 4 गà¥à¤£ होने जरà¥à¤°à¥€ है
1. शैकà¥à¤·à¤¿à¤• गà¥à¤£ / योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚
2. वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• गà¥à¤£
3. वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ संबंधी गà¥à¤£ और
4. संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का गà¥à¤£
1. शैकà¥à¤·à¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ -
à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के लिठसà¥à¤¤à¤°à¤…नà¥à¤¸à¤¾à¤° नà¥à¤¯à¥‚नतम शैकà¥à¤·à¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का होना अनिवारà¥à¤¯ है। साथ ही अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ होना à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है। उदाहरण के तौर पर -
पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤®à¤°à¥€ ककà¥à¤·à¤¾à¤“ं को पढ़ाने के लिठअधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को कम से कम हायर सेकेंडरी ककà¥à¤·à¤¾ पास होना तथा à¤à¤¸ . टी . सी . के रूप में शिकà¥à¤·à¤£ कारà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया हà¥à¤† होना चाहिà¤à¥¤
इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सेकणà¥à¤¡à¤°à¥€ ककà¥à¤·à¤¾à¤“ को पढ़ाने वाले अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के लिठकम से कम शैकà¥à¤·à¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के रूप में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• à¤à¤µà¤‚ B.Ed किया हà¥à¤† होना चाहिà¤à¥¤
उचà¥à¤š माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• ककà¥à¤·à¤¾ को पढ़ाने वाला अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• संबंधित विषयों में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° की डिगà¥à¤°à¥€ लिया हà¥à¤† होना चाहिà¤à¥¤à¤¸à¤¾à¤¥ ही B.Ed की डिगà¥à¤°à¥€ à¤à¥€ उसके पास होना आवशà¥à¤¯à¤• है।
कई विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में अपà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• या अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾à¤“ को रख लिया जाता है जो उचित नहीं है।अतः अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का चयन करते समय इस बात को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखना चाहिठकि उसमें नà¥à¤¯à¥‚नतम योगिता हो तथा पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हो।
2. वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• गà¥à¤£ --
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बनने के लिठआपमें वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का होना à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है -
1. वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ रà¥à¤šà¤¿ निषà¥à¤ ा
à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ में रà¥à¤šà¤¿ ओर उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤ ा होनी चाहिà¤à¥¤à¤µà¤¹ उसे केवल अपनी कमाई का साधन ही ना समà¤à¥‡ ।अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• यदि मजबूरी में अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बनता है तो वासà¥à¤¤à¤µ में वह अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बनने के योगà¥à¤¯ नहीं है।
2. विषय का पूरà¥à¤£ जà¥à¤žà¤¾à¤¨
à¤à¤• कà¥à¤¶à¤² अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• में इस गà¥à¤£ का होना अति आवशà¥à¤¯à¤• है।अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को विषय का पूरà¥à¤£ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होगा तो वह विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की विषय संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान नहीं कर पाà¤à¤—ा जिससे छातà¥à¤° उसका आदर समà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं करेंगे और न ही उसे आतà¥à¤® संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ हो पाà¤à¤—ी।
3. शिकà¥à¤·à¤£ विधियों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• में यह गà¥à¤£ होना à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है कि छातà¥à¤° उसकी बात को अचà¥à¤›à¥€ तरह से समठसके इसके लिठउसे छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के सà¥à¤¤à¤° अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ विषय की पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उचित शिकà¥à¤·à¤£ विधि का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ जैसे छोटे बालको के लिठखेल विधि , पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ विधि और कहानी विधि का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ रहता है तथा उचà¥à¤š ककà¥à¤·à¤¾à¤“ं में वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ातà¥à¤®à¤• विधि उपयà¥à¤•à¥à¤¤ रहती है।
4. सहायक सामगà¥à¤°à¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— -
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में विषय वसà¥à¤¤à¥ की जटिलता कि समापà¥à¤¤à¤¿ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ में शिकà¥à¤·à¤¾ तकनीकी के साधनों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जा लगा है à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• वही है जो छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के सà¥à¤¤à¤° , उनकी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ तथा विषय - वसà¥à¤¤à¥ की पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर वसà¥à¤¤à¥ को सरल और रà¥à¤šà¤¿à¤•à¤° बनाने की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से समà¥à¤šà¤¿à¤¤ शिकà¥à¤·à¤£ सहायक सामगà¥à¤°à¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें।
5. मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ -
à¤à¤• ककà¥à¤·à¤¾ में अलग - अलग पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के बालक होते हैं उनकी à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ समसà¥à¤¯à¤¾ होती है वह अधिगम à¤à¤²à¥€ - à¤à¤¾à¤¤à¤¿ कर सके इसके लिठउनकी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान होना आवशà¥à¤¯à¤• है।à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤• उसी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में बालको की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान कर सकता है जब वह उन से परिचित हो और समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के संबंध में जानने के लिठशिकà¥à¤·à¤• को मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना आवशà¥à¤¯à¤• है।
मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ होने पर ही शिकà¥à¤·à¤• बालक की रूचि योगिता कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ आदि को समठसकता है और उसके आधार पर अपना जो शिकà¥à¤·à¤£ है उस और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ का कारà¥à¤¯ सफलतापूरà¥à¤µà¤• कर सकता है।
6. जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पिपासा -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ शिकà¥à¤·à¤• वही है जिसमें हमेशा सीखने की ललक बनी रहती है दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में हम कह सकते हैं कि ' à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• वही है जो हमेशा विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ बना रहता है ' इससे अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का खà¥à¤¦ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तो बढ़ता ही है साथ ही वह अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ लाठदे सकता है।
7. पाठà¥à¤¯ सहगामी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं में रूचि -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के लिठयह आवशà¥à¤¯à¤• है कि वह विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पाठà¥à¤¯ सहगामी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं का आयोजन करने à¤à¤µà¤‚ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सफलतापूरà¥à¤µà¤• संपनà¥à¤¨ कराने में रूचि ले।साथ ही इसके लिठउसे अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में रà¥à¤šà¤¿ विकसित करने के लिठपà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करने चाहिà¤à¥¤
8. समय का पाबंद -
अचà¥à¤›à¥‡ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ गà¥à¤£ उसका समय के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पाबंद होना है।वह समय पर विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में जाà¤à¤‚ , पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ सà¤à¤¾ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हो तथा कालांश पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोते ही ककà¥à¤·à¤¾ में जाà¤à¤‚ और कालांश समापà¥à¤¤à¤¿ के पूरà¥à¤µ कà¥à¤²à¤¾à¤¸ छोड़े अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• यदि समय का पाबंद नहीं है तो उसके विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ à¤à¥€ समय के पाबंद नहीं हो सकते।
9. कà¥à¤¶à¤² वकà¥à¤¤à¤¾ -
à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤• को अपनी बात को छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ तक पहà¥à¤‚चाने के लिठउसे रà¥à¤šà¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ , अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤¤à¤° तथा निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ अरà¥à¤¥ वाले शबà¥à¤¦ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ साथ ही पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ पूरà¥à¤£ तरीके से बोलने में उसे à¤à¤¿à¤à¤•à¤¨à¤¾ नहीं चाहिà¤à¥¤à¤…तà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• गति से à¤à¥€ नहीं बोलना चाहिà¤à¥¤ दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में उसे अपनी बात इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रखनी चाहिठकि विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर उसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़े और वे उसे सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में रà¥à¤šà¤¿ ले।
10. छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® व सहानà¥à¤à¥‚ति -
à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤• केवल अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ रà¥à¤šà¤¿ रखें यह परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं है।उसे अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ रà¥à¤šà¤¿ रखनी चाहिà¤à¥¤à¤¸à¤¾à¤¥ ही विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤® , सहानà¥à¤à¥‚ति पूरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करना चाहिà¤à¥¤ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पूछे गठपà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ का संतोषजनक रूप से उतà¥à¤¤à¤° देना चाहिà¤à¥¤à¤‰à¤¨à¤•à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का सहानà¥à¤à¥‚तिपूरà¥à¤£ समाधान करना चाहिà¤à¥¤à¤‡à¤¸à¤¸à¥‡ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ à¤à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• आदर करेंगे।
3. वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ संबंधी गà¥à¤£ -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ टीचर की परà¥à¤¸à¤¨à¥ˆà¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ होना आवशà¥à¤¯à¤• है टीचर का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ तब ही हो सकता है जब उसमें निमà¥à¤¨ गà¥à¤£ हो -
1. वेशà¤à¥‚षा -
टीचर का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ होने के लिठउसका बाहरी सà¥à¤µà¤°à¥‚प अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ ही होना आवशà¥à¤¯à¤• है।अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के समान बाहरी सवरूप होने का अरà¥à¤¥ उसके सà¥à¤‚दर या असà¥à¤‚दर होने से न होकर उस की वेशà¤à¥‚षा आदि से है।अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को साफ सà¥à¤¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤¸ किये हà¥à¤ तथा उचित कपड़े पहने चाहिà¤à¥¤ बालों को ढंग से सà¤à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤° ककà¥à¤·à¤¾ में जाना चाहिà¤à¥¤ इससे शिकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के ऊपर अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है।
2. अचà¥à¤›à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का शारीरिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है।यदि शिकà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ नहीं होगा तो वह ककà¥à¤·à¤¾ में कà¥à¤¯à¤¾ पढ़ाà¤à¤—ा वह किस रूप से पढायेगा। शारीरिक रूप से असà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होने पर मानसिक रà¥à¤ª से à¤à¥€ असà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहेगा और साइकोलॉजिसà¥à¤Ÿ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कहा गया है कि " सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ शरीर में ही सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• का निवास होता है " शिकà¥à¤·à¤• का शारीरिक à¤à¤µà¤‚ मानसिक रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होना आवशà¥à¤¯à¤• है।
3. उचà¥à¤š गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ -
à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤• को चारितà¥à¤°à¤¿à¤• रà¥à¤ª से दृॠहोना चाहिà¤à¥¤à¤•à¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शिकà¥à¤·à¤• के चरितà¥à¤° का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ उसके विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर शीघà¥à¤° ही पड़ता है। अतः अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समकà¥à¤· अपने आपको अचà¥à¤›à¥‡ रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करना चाहिà¤à¥¤ कà¤à¥€ à¤à¥€ उनके सामने कोई गलत या अनैतिक हरकत नहीं करनी चाहिà¤à¥¤
4. नेतृतà¥à¤µ शकà¥à¤¤à¤¿ -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ शिकà¥à¤·à¤• में नेतृतà¥à¤µ शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ होनी चाहिà¤à¥¤à¤‰à¤¸à¥‡ अपने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° , शिकà¥à¤·à¤• अधिगम , पाठà¥à¤¯ सहगामी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ , किसी विषय में विचार - विमरà¥à¤¶ अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ बनाठरखने आदि में कà¥à¤¶à¤² à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ नेतृतà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤à¤œà¤¿à¤¸à¤¸à¥‡ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ इन सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सफलता पूरà¥à¤µà¤• कारà¥à¤¯ कर सकें।
5. धैरà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ शिकà¥à¤·à¤• में धैरà¥à¤¯ का गà¥à¤£ होना आवशà¥à¤¯à¤• है।छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछने पर उसे उखड़ना नहीं चाहिà¤à¥¤ बात - बात में à¤à¥à¤‚à¤à¤²à¤¾à¤¨à¤¾ नहीं चाहिà¤à¥¤ बलà¥à¤•à¤¿ धैरà¥à¤¯ के साथ सोच समà¤à¤•à¤° उनके पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ करना चाहिà¤à¥¤
6. विनोदपà¥à¤°à¤¿à¤¯ -
विनोद पà¥à¤°à¤¿à¤¯ का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ हंसी - मजाक करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से होता है।यदि कोई शिकà¥à¤·à¤• अपना चेहरा गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ से लाल रखता है तो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ उस अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• से अपà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ रहते हैं। उससे पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछना वह बात करना पसंद नहीं करते हैं अतः अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤® पूरà¥à¤µ मधà¥à¤° संबंध बनाने à¤à¤µà¤‚ ककà¥à¤·à¤¾ शिकà¥à¤·à¤£ में रस और रà¥à¤šà¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने के लिठविनोद पà¥à¤°à¤¿à¤¯ होना आवशà¥à¤¯à¤• है।
7. उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ -
पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ ही होता है जो à¤à¥€ कारà¥à¤¯ उसे दिया जाता है वह पूरà¥à¤£ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ उसे करता है इससे छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ रà¥à¤šà¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है और वह à¤à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का पूरà¥à¤£ उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ सहयोग करते हैं जिससे कारà¥à¤¯ मैं पूरà¥à¤£ सफलता मिलने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ बढ़ जाती है।
8. आतà¥à¤® - समà¥à¤®à¤¾à¤¨ -
जिस शिकà¥à¤·à¤• में आतà¥à¤® समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ नहीं होती है। वे अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• कहलाने के योगà¥à¤¯ नहीं है। à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• वह है जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ , पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• तथा अनà¥à¤¯ के सामने इसी गलत बात के लिठनहीं à¤à¥à¤•à¤¤à¤¾ है। किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ सह नहीं करता है , गलत बात का समà¤à¥‹à¤¤à¤¾ नहीं करता है। जो अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और अधिकारों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सचेत रहता है वही अपने आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¥à¤®à¤¾à¤¨ की रकà¥à¤·à¤¾ कर पाता है।
4. संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का गà¥à¤£ -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• वह है जो हमें लोगों के साथ अचà¥à¤›à¤¾ संबंध रखता है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बनाठरखता है à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ शिकà¥à¤·à¤• का निमà¥à¤¨ लिखित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से अचà¥à¤›à¥‡ संबंध होने चाहिठ-
1. विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ संबंध -
अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का कारà¥à¤¯ सिरà¥à¤«à¤¼ इतना ही नहीं है कि वह ककà¥à¤·à¤¾ में जाकर अपना पाठपढ़ा दे।उसे यह à¤à¥€ देखना चाहिठकि छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर उसका कितना पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है। वह इस बात को तब ही देख सकता है जब उसका विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ मधà¥à¤° संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो। इसके लिठउसे पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• छातà¥à¤° की और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त रूप से धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤à¥¤ उनकी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का उचित समाधान करना चाहिठउनके साथ मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ करें।
2. साथी अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ के साथ संबंध -
अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• को अपने साथी अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ के साथ मैं à¤à¥€ मधà¥à¤° संबंध बनाने चाहिà¤à¥¤ अचà¥à¤›à¤¾ शिकà¥à¤·à¤• वही है जो अपने साथी अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के साथ पà¥à¤°à¥‡à¤® और सहयोग का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करें।उनके विचारों का आदर करे , उनकी नींद न करें।
3. पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• के साथ संबंध -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ टीचर वही है जो पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• की साथ सहयोग पूरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करता है।विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में चलने वाली विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को सफलतापूरà¥à¤µà¤• संपनà¥à¤¨ कराने में अपना योगदान करता है।
4. अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹ के साथ संबंध -
à¤à¤• अचà¥à¤›à¤¾ टीचर वह है जो छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ - साथ उनके माता - पिता से à¤à¥€ मधà¥à¤° संबंध बनाता है। इसके लिठउसके विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को माता - पिता को समय - समय पर&am